मैंने देश के सभी मुद्दों के साथ जो नाइंसाफी की है उसके लिए माफी माँगता हूँ..

सभी मुद्दे वे मुद्दे हैं जिन पर रवीश कुमार को बोलना चाहिए या प्राइम टाइम में चर्चा करनी चाहिए । सभी बोल भी लें लेकिन सभी मुद्दों पर सभी का बोलना तभी माना जाएगा जब रवीश कुमार बोलेंगे या प्राइम टाइम में चर्चा करेंगे । जैसे जब प्राइम टाइम और फेसबुक नहीं था उस टाइम के भी सभी मुद्दों का हिसाब कुछ लोग रवीश कुमार से लेते हैं । तब तो आप नहीं बोलते थे । मेरी बोलती बंद हो जाती है । मैं कैसे कहूँ कि तब भी मैं हज़ारों अखबारों में छपे सभी मुद्दों को नहीं पढ़ पाता था । मैंने प्रयास किया था कि सभी मुद्दों और विषयों को पढ़ा जाए लेकिन दाँत चियार दिया । काश ऐसा कर पाता तो कम से कम भारत में हज़ारों अखबारों और चैनलों की जरूरत न होती । अकेला रवीश कुमार सभी मुद्दों को बोल देता और राम की तरह तमाम पत्थरों को छूता हुआ अहिल्या बनाता चलता । सभी मुद्दे हल होकर लहलहा रहे होते । मुझसे सभी मुद्दों का हिसाब करने वालों के बाप दादा और नाना भी मिल जायें तो भी सभी मुद्दों को पढ़ नहीं पायेंगे । सोच नहीं पायेंगे और बोल नहीं पायेंगे ।

हर दिन बड़ी संख्या में लोग इनबाक्स से लेकर कमेंट बाक्स में सभी मुद्दों की कसौटी पर मुझे कसते हैं । अखबारों में छपी ख़बरों का लिंक भेज देते हैं कि इस पर चर्चा करके दिखाओ । जो कर रहा हूँ कि जगह लोग लिंक भेज देते हैं कि क्या बात है इस पर चर्चा नहीं कर रहे। जो मुद्दा जिसके ज़हन में है वो उसी की मांग करता है । कुछ तो ऐसे होते हैं कि पढ़ते ही लगता है कि सामने होता तो कस के गुदगुदी कर देता । कई बार हम सभी मुद्दों पर स्टेटस नहीं लिख पाते क्योंकि उस पर सभी लिख चुके होते हैं । तो लाइक मार कर आँखें मार लेता हूं। कई बार चैनल में कोई किसी मुद्दे पर चर्चा कर देता है तो छोड़ देता हूँ । फिर भी लोग पूछते हैं कि आप क्यों चुप हैं । आप तो दलाल हैं । इस देश में एक पार्टी की तारीफ करते हुए आप लिखते रहें कोई दलाल नहीं कहेगा क्योंकि उस पार्टी के समर्थकों ने अपनी पार्टी की आलोचना करने वालों को दलाल बताने का ठेका ले रखा है । उस पार्टी की बेशर्मी से कई पत्रकार स्तँभकार चाटुकारिता कर रहे हैं कभी मैंने उनकी मरम्मत होते नहीं देखा । कोई उन्हें लेकर पत्रकारिता का संकट नहीं देखता । वहाँ तो देशभक्ति का साबुन रखा है कहीं से आइये और नहाकर देशभक्त बन जाइये ।

अब मुझे भी यक़ीन हो चला है कि मैंने देश के सभी मुद्दों के साथ इंसाफ़ नहीं किया । सभी मुद्दे मेरे बिना दम तोड़ रहे हैं। अनाथ हैं । मेरा हर विषय पर बोलना जरूरी है तभी मेरी प्रतिबद्धता साबित होगी । मैंने देश के सभी मुद्दों के साथ जो नाइंसाफी की है उसके लिए माफी माँगता हूँ । प्रायश्चित भी करना चाहता हूँ । अब से ऑनडिमांड, ललकारने या धमकाने पर सभी मुद्दों पर चर्चा नहीं करूंगा । मैं सभी मुद्दों पर खुद को साबित नहीं कर सकता । कई पार्टियों का दलाल तो बता ही दिया गया हूँ फिर भी उन्हीं बताने वालों को मुझी से उम्मीद रहती है कि सभी मुद्दों पर चर्चा कर या स्टेटस लिखकर पत्रकार साबित करूँ । भाई जब आप दंगाइयों , दलालों, गुंडों, घूसखोरों को लाइन में लगकर वोट देते हैं , उनमें माँ भारती के भविष्य का चेहरा देखते हैं तो आपको क्या सही में लगता है कि दलाल कहे जाने से मैं शर्म से मर जाऊँगा । तो मेरे प्यारे सभी मुद्दों , चलो फुटो तो यहाँ से ।

( अपील – मेरे इस माफ़ीनामे को सिर्फ पढ़ें या लाइक ही न करें बल्कि शेयर करें ताकि सबको पता चले कि रविश कुमार ने सभी मुद्दों से माफी माँगी है । प्लीज शेयर कीजियेगा )

(देश के जाने-माने टीवी पत्रकार और एंकर रवीश कुमार के फेसबुक वॉल से.)

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