‘ख़बर अब तक’ के खुलासे पर लगी मुहर, यूरिया सब्सिडी में गोलमाल पर उवर्रक व रसायन मंत्रालय ने बैठाई जांच

‘ख़बर अब तक’ ने अभी हाल ही में “किसानों का असली गुनहगार कौन-Part-2” नाम से एक खुलासा किया था। इस खुलासे में हमने यह बताया था कि किस तरह से कृषि विभाग और फर्टिलाइजर कंपनियां उवर्रक वितरकों को महंगे दाम पर यूरिया बेचने के लिए मजबूर करती हैं।

हमने अपने एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में यह दावा किया था कि फैक्टि्रयों द्वारा रेलवे व ट्रक से यूरिया संबंधित डीलरों के जिलों तक पहुंचाई जाती है। भारत सरकार ने संबंधित रैक प्वाइंट से डीलर तक यूरिया पहुंचाने के लिए औसतन साढ़े चार रुपये प्रति टन प्रति किमी. किराया सब्सिडी निर्धारित की है। लेकिन यूरिया कंपनियां सरकार से किराया अनुदान लेकर इसका वितरण डीलरों तक नहीं करती हैं जिससे मजबूर होकर डीलर महंगे दाम पर यूरिया बेचता है।

हमारे इस खुलासे पर अब मुहर लग गया है। यूरिया सब्सिडी में लगभग 100 करोड़ रुपये का गोलमाल पकड़ में आया है। उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय ने चार प्रदेशों के 15 यूरिया कंपनियों पर जांच भी बैठा दी है और एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है।

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